चम्बल घाटी परियोजना :- यह म.प्र. की पहली परियोजना है। यह परियोजना चम्बल नदी पर स्थित है। यह परियोजना म.प्र. और राजस्थान की सम्मिलित बहुउद्देशीय परियोजना है। जहाँ वर्षा का औसत कम है, इसका मुख्य सिंचाई सुबिधा उपलब्ध करना है, इस बहुउद्देशीय योजना(1953-54) के तीन चरण है।
प्रथम – गाँधी सागर योजना (मंदसौर)
द्वतीय – राणा प्रताप सागर योजना(चित्तौड़)
तृतीय – जवाहर या कोटा बाँध योजना (कोटा)
नर्मदा घाटी परियोजना ।। narmada project || Sardar Sarovar Dam,

Madhya Pradesh Energy Resources ।। मध्य प्रदेश के जल विधुत केन्द्र
इस परियोजना में बाँध के बायी ओर से नहरें राजस्थान और दायी ओर से नहरें मध्यप्रदेश के कृषि प्रदेश को सींचती है। अम्बाह, मुरैना, तवा, मऊ, नहरें तृतीय योजना काल में बनकर तैयार हो गई थी तथा 3.50 लाख एकड़ भूमि की सिंचाई क्षमता प्राप्त की गई थी।
म.प्र. में स्थित प्रमुख जल प्रपात || waternfall in mp
अवन्तीवाई परियोजना :- जबलपुर जिले के बिजोरा में बरगी पर निर्मित अवन्तीबाई सागर प्रोजेक्ट में 69 मीटर ऊंचा मिट्टी का बांध बना है। इससे जबलपुर मण्डला, सिवनी, नरसिंहपुर को जल मिल रहा है।
माही परियोजना :- माही परियोजना के अंतर्गत दो बांध मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार द्वारा संयुक्त रूप से मध्य प्रदेश के धार जिले में बनाए जा रहे हैं। इस बांध से धार और झाबुआ जिले में सिंचाई की जाएगी।
राजघाट परियोजना :- राजघाट परियोजना को को भाण्डेर, रानी लक्ष्मीबाई परियोजना के नाम से भी जाना जाता है। यह मध्य प्रदेश और उ.प्र. की संयुक्त परियोजना है। इस योजना के अंतर्गत उ.प्र. के ललितपुर जिले में माताटिला बाँध बनाया गया है। इससे मध्य प्रदेश के 6 जिलों की 1.16 लाख हेक्टेयर भूमि सिंचत होगी। इससे 45 मेगावाट जल विघुत का भी उत्पादन किया जाएगा। यह बेतवा नदी पर स्थित है। 1953 में उ.प्र. द्वारा माताटीला बांध से एक नहर का निर्माण किया गया था। 1965 में इस परियोना का अपर्ण कार्य मध्य प्रदेश को सौंपा गया। परियोना से प्रदेश के दतिया, ग्वालियर, और भिण्ड की 1.16 लाख भूमि पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है।
राजीव गांधी परियोजना:- यह परियोना मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की संयुक्त परियोना है। यह मध्य प्रदेश में बालाघाट जिले की कटंगी तहसील के ग्राम कुड़वा में बावनघड़ी नदी पर स्थित है। इसे बावनघड़ी परियोजना के नाम से भी जाना जाता है।
Rajiv Gandhi Project - IGNOU - -
पेंच परियोजना :- पेंच परियोजना मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है। यह छिन्दवाड़ा जिले के ग्राम मंचगोरा के निकट पेंच नदी पर स्थित है। इस परियोजना से छिन्दवाड़ा एवं बालाघाट के 158 ग्रामों में सिंचाई होगी। कुल सिंचाई क्षमता 63,338 हेक्टेयर है।

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