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मध्‍य प्रदेश के प्रमुख ताप विधुत ग्रह || MP Ke Tap Vidyut Center


मध्‍य प्रदेश के प्रमुख ताप विधुत ग्रह

राज्‍य में विद्धुत उत्‍पाद के तीन प्रमुख स्‍त्रोत है।
1. ताप विद्धुत
2. जल विद्धुत
3. गैर पारम्‍परिक विद्धुत उत्‍पादन



ताप विद्धुत केन्द्र :- राज्‍य में सरकारी ताप विद्धुत केन्‍द्रों की संख्‍या में निरंतर वृद्धि हो रही है। ताप विद्धुत केन्‍द्रों में कोयले का उपयोग किया जाता है।

चांदनी ताप विद्धुत केन्‍द्र :- यह 1953 में स्‍थापित राज्‍य का का सबसे पहला ताप विद्धुत केन्‍द्र है। इसकी क्षमता मात्र 17 मेगावाट है। इसको तवा क्षेत्र से कोयला प्रदान किया जाता है। इससे बुरहानपुर जिले की नेपानगर कागज मिल को विद्धुत प्रदान किया जाता है।

अमरकंटक ताप विद्धुत केन्‍द्र :-यह अनूपपुर जिले में स्थित है। जिससे 490 मेगावाट बिजली का उत्‍पादन किया जाता है। इसके लिये सोहागपुर से कोयला और सोन नदी से पानी की पूर्ती की जाती है।

सतपुडा-सारणी ताप विद्धुत केन्‍द्र :-इसकी स्‍थापना 1967 में हुई। यह म.प्र. और राजस्‍थान का संयुक्‍त उपक्रम है। इसकी क्षमता 1142.5 से बढकर 1437 मेगावाट हो गई है। इसके लिए तवा नदी से पानी और बैतूल के पाथर खेडा से कोयला की पूर्ती की जाती है। इसमें म.प्र. और राजस्‍थान का बटवारा 3:2 के अनुपात में किया गया है।

जबलपुर ताप विद्धुत केन्‍द्र :- म.प्र. विधुत मंडल द्वारा स्‍थापित किया गया है। इसके लिए जबलपुर से कोयला और नर्मदा से पानी की आपूर्ती की जाती है। इसकी कुल क्षमता 151 मेगावाट है।

पेंच ताप विद्धुत केन्‍द्र :- यह छिंदवाड़ा में स्‍थापित किया गया है। इसकी प्रारंभिक क्षमता 210 मेगावाट है। और एक अन्‍य प्रोजेक्‍ट की क्षमता 378 मेगावाट है।

विध्‍यांचल वृहद ताप विद्धुत केन्‍द्र :- यह राष्‍ट्रीय ताप विद्धुत ग्रह है। जो कि बैढन सिंगरौली जिले में स्थित है। इसके लिए रिहन्‍द नदी से पानी और सिंगरौली से कोयले की आपूर्ती की जाती है। इसकी कुल क्षमता 3260 मेगावाट है। यह म.प्र. का सबसे बड़ा विद्धुत ग्रह है। इससे 5 राज्‍य और दमन-व्दीव के लिये बिजली की आपूर्ती होती है। 

खण्‍डवा ताप विद्धुत केन्‍द्र :- इसे मालवा परियोजना के नाम से भी जाना जाता है। यह म.प्र. और गुजरात की संयुक्‍त परियोजना है। इसकी क्षमता 2000 मेगावाट है। दादा धुनीवाले तापीय विधुत परियोजना गोराडिया जिला खण्‍डवा में लग रही है।

संजय गांधी ताप विद्धुत केन्‍द्र :- यह राष्‍ट्रीय ताप विद्धुत ग्रह है। यह विरसिंहपुर जिला उमरिया में स्थित है। प्रारंभ में 44 - 44 मेगावाट की दो इका‍ईया चालू भी लेकिन 2007 से 500 मेगावाट की एक अन्‍य इकाई भी चालू है। इसके लिये जोहिला क्षेत्र से कोयला प्रयुक्‍त किया जाता है। 

बांधव और मांडू ताप विद्धुत केन्‍द्र :- यह म.प्र. और गुजरात का संयुक्‍त प्रोजेक्‍ट है।

संत सिंगाजी ताप विद्धुत परियोजना :- यह डोंगलिया जिला खण्‍डवा में स्थित है। प्रथम चरण में इसकी क्षमता 1200 मेगावाट है।

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